CBC Test क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में
अगर आप कभी डॉक्टर के पास गए हैं और उन्होंने CBC टेस्ट (Complete Blood Count) कराने की सलाह दी हो, तो आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा –CBC टेस्ट क्या है, क्यों कराया जाता है, और इसके चार्जेज कितने होते हैं?
इस लेख में हम जानेंगे:
* CBC टेस्ट क्या है
* यह टेस्ट कैसे किया जाता है
* क्यों और कब यह टेस्ट जरूरी होता है
* CBC टेस्ट में क्या-क्या जांची जाती है
* CBC रिपोर्ट का अर्थ और इसे कैसे पढ़ें
* CBC टेस्ट की लागत (Charges)
* CBC टेस्ट के फायदे और महत्व
* CBC टेस्ट से जुड़े मिथक और सच्चाई
* अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
CBC (Complete Blood Count) टेस्ट- एक बेसिक लेकिन बेहद अहम ब्लड टेस्ट है। इसे एक तरह का ब्लड हेल्थ चेकअप भी कहा जा सकता है। इस टेस्ट में हमारे खून के अलग-अलग कंपोनेंट्स (घटक)की जांच की जाती है।
यह टेस्ट डॉक्टरों को शरीर की कई छिपी हुई बीमारियों के बारे में सुराग देता है।
इसमें मुख्य रूप से खून के 3 प्रमुख घटकों की जांच होती है:
1. लाल रक्त कोशिकाएं (RBC – Red Blood Cells)
2. सफेद रक्त कोशिकाएं (WBC – White Blood Cells)
3. प्लेटलेट्स (Platelets)
इसके अलावा हीमोग्लोबिन लेवल, हेमटोक्रिट, MCV, MCH, और MCHC जैसे कई अन्य मान भी देखे जाते हैं।
सरल भाषा में कहें तो CBC टेस्ट आपके खून की पूरी रिपोर्ट कार्ड जैसा है।
CBC टेस्ट कैसे किया जाता है?
एक नर्स या टेक्नीशियन आपकी बांह से थोड़ा खून निकालते हैं।
खून की मात्रा केवल 2–3 ml होती है।
सैंपल को मशीन में जांचा जाता है।
2 से 6 घंटे में रिपोर्ट तैयार हो जाती है।
यह एक सुरक्षित और बिना दर्द वाला टेस्ट है। कभी-कभी हल्का चुभन महसूस हो सकती है।
CBC टेस्ट क्यों कराया जाता है?
डॉक्टर CBC टेस्ट कई कारणों से लिखते हैं। यह शरीर के स्वास्थ्य का बुनियादी संकेतक है।
CBC टेस्ट कराने के मुख्य कारण:
कमज़ोरी या थकान का पता लगाने के लिए
एनीमिया (खून की कमी) की पहचान के लिए
इंफेक्शन या किसी प्रकार की सूजन का पता लगाने के लिए
इम्यून सिस्टम की स्थिति समझने के लिए
ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की पहचान के लिए
किसी सर्जरी या बड़ी बीमारी के इलाज से पहले हेल्थ स्टेटस जानने के लिए
गर्भवती महिलाओं में नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए
उदाहरण: यदि कोई बच्चा हमेशा थका-थका रहता है और स्कूल में ध्यान नहीं दे पाता, तो डॉक्टर CBC टेस्ट कराकर पता लगाते हैं कि कहीं उसे एनीमिया तो नहीं।
CBC टेस्ट में क्या-क्या जांची जाती है?
CBC रिपोर्ट में कई मानक आते हैं। आइए इन्हें आसान भाषा में समझते हैं:
CBC (Complete Blood Count) एक बेसिक और बहुत ही कॉमन ब्लड टेस्ट है, जिससे हमारे खून के अलग-अलग घटकों की जानकारी मिलती है। यह टेस्ट डॉक्टर को यह समझने में मदद करता है कि शरीर में कोई इंफेक्शन, एनीमिया, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, इम्यून सिस्टम की समस्या या अन्य बीमारियाँ तो नहीं हैं।
नीचे दिए गए मुख्य पैरामीटर CBC टेस्ट में शामिल होते हैं:
1. RBC (Red Blood Cells) - लाल रक्त कणिका
काम: शरीर में ऑक्सीजन को फेफड़ों से सभी अंगों तक पहुँचाना और कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक लाना।
कमी होने पर: एनीमिया, थकान, कमजोरी।
ज्यादा होने पर: डिहाइड्रेशन, हार्ट या फेफड़े की बीमारियाँ।
2. A. WBC (White Blood Cells) - श्वेत रक्त कणिका
काम: शरीर को इंफेक्शन से बचाना, इम्यून सिस्टम को मजबूत रखना।
कमी होने पर: इम्यूनिटी कमजोर, बार-बार संक्रमण।
ज्यादा होने पर: बैक्टीरियल इंफेक्शन, सूजन या ब्लड कैंसर।
नॉर्मल रेंज: 4,000 – 11,000 कोशिकाएँ/µL (माइक्रोलिटर खून में)
कम होने पर (Leukopenia):
* वायरल इन्फेक्शन
* बोन मैरो की समस्या
* इम्यून सिस्टम की कमजोरी
* कीमोथेरेपी या दवाओं का असर
ज्यादा होने पर (Leukocytosis):
* बैक्टीरियल इन्फेक्शन
* सूजन (Inflammation)
* एलर्जी
* ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर)
* स्ट्रेस या शारीरिक चोट
B. डिफरेंशियल WBC काउंट (Differential Count)
1. Neutrophils (50–70%)
* बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लड़ते हैं।
* ज्यादा होने पर → बैक्टीरियल इन्फेक्शन, सूजन।
* कम होने पर → वायरल इन्फेक्शन, बोन मैरो की समस्या।
2. Lymphocytes (20–40%)
* वायरस से लड़ने और एंटीबॉडी बनाने का काम।
* ज्यादा होने पर → वायरल इन्फेक्शन, ट्यूबरकुलोसिस, क्रोनिक ल्यूकेमिया।
* कम होने पर → HIV, स्टेरॉयड दवाइयाँ, इम्यून डिफिशिएंसी।
3. Monocytes (2–8%)
* मृत कोशिकाओं और बैक्टीरिया को साफ करना।
* ज्यादा होने पर → क्रोनिक इन्फेक्शन, TB, मलेरिया।
* कम होने पर → बोन मैरो की कमजोरी।
4. Eosinophils (1–4%)
* एलर्जी और परजीवी (Parasite) से रक्षा।
* ज्यादा होने पर → एलर्जी, अस्थमा, स्किन डिजीज, परजीवी संक्रमण।
* कम होने पर → कोई खास दिक्कत नहीं।
5. Basophils (0.5–1%)
* एलर्जी और सूजन में मददगार।
* ज्यादा होने पर → एलर्जिक रिएक्शन, क्रोनिक मायलोइड ल्यूकेमिया।
* कम होने पर → आमतौर पर कोई खास समस्या नहीं।
टोटल WBC काउंट से हमें पता चलता है कि शरीर में इन्फेक्शन या बीमारी की संभावना है या नहीं।
डिफरेंशियल काउंट से हमें यह पता चलता है कि किस प्रकार का इन्फेक्शन या समस्या है (बैक्टीरियल, वायरल, एलर्जी या क्रोनिक डिजीज)।
काम: RBC के अंदर मौजूद प्रोटीन जो ऑक्सीजन को शरीर के अंगों तक पहुँचाता है।
कमी होने पर: एनीमिया, चक्कर आना, कमजोरी।
4. Hematocrit (Hct / PCV) - हीमैटोक्रिट
काम: खून में RBC का प्रतिशत बताता है।
कमी होने पर: एनीमिया।
ज्यादा होने पर: डिहाइड्रेशन या पॉलिसाइथीमिया।
5. Platelets (PLT) - प्लेटलेट्स
काम: खून को जमाने में मदद करना, चोट लगने पर ब्लीडिंग रोकना।
कमी होने पर: खून ज्यादा बहना, चोट पर खून ना रुकना।
ज्यादा होने पर: ब्लड क्लॉट का खतरा।
6. MCV (Mean Corpuscular Volume)
काम: RBC का औसत साइज बताता है।
कमी होने पर: माइक्रोसाइटिक एनीमिया (आयरन की कमी)।
ज्यादा होने पर: मैक्रोसाइटिक एनीमिया (विटामिन B12 या फोलिक एसिड की कमी)।
7. MCH (Mean Corpuscular Hemoglobin)
काम: हर RBC में कितना हीमोग्लोबिन है, यह बताता है।
8. MCHC (Mean Corpuscular Hemoglobin Concentration)
काम: RBC में हीमोग्लोबिन की सांद्रता (concentration) बताता है।
9. RDW (Red Cell Distribution Width)
काम: RBC के साइज और वॉल्यूम में फर्क को मापता है।
कमी/ज्यादा: अलग-अलग तरह के एनीमिया में मददगार।
CBC टेस्ट की लागत (Charges)
भारत में CBC टेस्ट की कीमत अलग-अलग जगहों पर अलग हो सकती है। यह मुख्य रूप से लैब, अस्पताल और शहर पर निर्भर करती है।
सामान्यत: CBC टेस्ट की लागत:
सरकारी अस्पताल:150 –300
प्राइवेट लैब:300 – 700
मेट्रो सिटी (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु):500 – 1200
Online Lab Booking Apps (Practo, 1mg, Healthians):300 – 600
नोट: हेल्थ पैकेज के हिस्से के रूप में CBC टेस्ट और भी सस्ता हो सकता है।
CBC टेस्ट कब करवाना चाहिए?
आपको CBC टेस्ट कराने की जरूरत कब है? यहां कुछ स्थितियां बताई गई हैं:
* लगातार थकान और कमजोरी
* बार-बार इंफेक्शन होना
* शरीर में बार-बार चोट लगने पर खून न रुकना
* वजन तेजी से कम होना
* कैंसर, डेंगू या टाइफाइड जैसी बीमारी में डॉक्टर की सलाह पर
* गर्भावस्था या सर्जरी से पहले जांच के लिए
* बच्चों में बार-बार बीमार होने पर
CBC रिपोर्ट को कैसे समझें?
जब आपको CBC रिपोर्ट मिलेगी, तो उसमें बहुत सारे आंकड़े होंगे। इन्हें समझना आसान नहीं होता।
रिपोर्ट समझने के लिए आप:
* डॉक्टर से परामर्श लें
* रिपोर्ट में दिए Normal Range से तुलना करें
* किसी मानक का ज्यादा या कम होना = बीमारी की संभावना
CBC टेस्ट के फायदे
* बीमारियों की जल्दी पहचान
* समय पर इलाज संभव
* हेल्थ स्टेटस की नियमित जांच
* इम्यून सिस्टम मजबूत रखने में मदद
* गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए बेहद अहम
CBC टेस्ट से जुड़े मिथक और सच्चाई
मिथक 1:CBC टेस्ट बहुत महंगा होता है।
1:सच्चाई: यह भारत के सबसे सस्ते ब्लड टेस्ट में से एक है।
मिथक 2:CBC टेस्ट से कैंसर का पता चल जाता है।
सच्चाई: यह टेस्ट कैंसर का संकेत तो देता है लेकिन पक्का निदान नहीं करता।
मिथक 3:बच्चों में यह टेस्ट खतरनाक है।
सच्चाई: यह बिल्कुल सुरक्षित है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. क्या CBC टेस्ट के लिए खाली पेट रहना जरूरी है?
नहीं, यह टेस्ट बिना खाली पेट भी हो सकता है।
Q2. CBC टेस्ट कितने समय में हो जाता है?
5–10 मिनट में ब्लड सैंपल लिया जाता है और रिपोर्ट 2–4 घंटे में मिल सकती है।
Q3. क्या CBC टेस्ट से कैंसर का पता चल सकता है?
हां, कुछ मामलों में असामान्य WBC काउंट कैंसर (ल्यूकेमिया) का संकेत हो सकता है।
Q4. बच्चों में CBC टेस्ट क्यों कराया जाता है?
बच्चों में खून की कमी, इंफेक्शन और इम्यून सिस्टम जांचने के लिए।
Q5. क्या CBC टेस्ट प्रेगनेंसी में जरूरी है?
जी हां, यह टेस्ट गर्भवती महिलाओं के लिए नियमित रूप से कराया जाता है।
निष्कर्ष
CBC टेस्ट एक आसान, सुरक्षित और बेहद महत्वपूर्ण ब्लड टेस्ट है। यह न केवल गंभीर बीमारियों की जल्दी पहचान करने में मदद करता है, बल्कि हमें हमारे स्वास्थ्य की सही जानकारी भी देता है।
अगर आप लगातार कमजोरी, थकान या बार-बार इंफेक्शन महसूस करते हैं, तो एक बार CBC टेस्ट जरूर करवाएं।
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कही चूक तो नहीं हुए
CBC रिपोर्ट में आने वाले सभी मानक और नॉर्मल रेंज।
CBC टेस्ट की प्रक्रिया (सैंपल से रिपोर्ट तक)।
Normal और Abnormal मान की तुलना।